गुरुवार, 13 मार्च 2014

होली की सतरंगी शुभकामनायों सहित प्रस्तुत है एक गीत -----

 कैसे घोलूँ रंग

सुनियो  रे रंगरेज
सिखा दो  कैसे घोलूँ रंग
बता दो कैसे घोलूँ रंग |

एक रंग अम्बर का घोलूँ
चुनरी नील रंगाऊँ
दूजा मैं किरणों का घोलूँ
मेहंदी हाथ रचाऊँ
तीजा रंग संध्या का घोलूँ
अंजन नैन लगाऊँ
   बिजुरी बिंदिया माथे सोहे  
   जूही चम्पा अंग
  बताना कैसे हैं यह रंग |

चौथे रंग में घुली चाँदनी
पायलिया गढ़वाऊँ
पाँच रंग का पहनूँ लहंगा
लहरों सी लहराऊँ
 छटा रंग केसर का घोलूँ
  खुश्बू में मिल जाऊँ|
     हरी दूब सी पहनूँ चूड़ी
        खनके प्रीत उमंग
            बोल रे कैसे घोलूँ रंग |

रंग सातवाँ ओ रंगरेजा
तू ही आके घोल
तेरी डलिया में वो पुड़िया
मैं क्या जानूँ मोल
बस इतना ही जानूँ मैं तो
प्रेम रंग अनमोल |
   रंग वही बरसाना प्रियतम
     भीगूँ तेरे संग |
    सुनियो कैसा प्रीत का रंग  !!!!!!!

शशि पाधा 
   


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