बुधवार, 18 जून 2014

Hindihaiku पर मेरी नई पोस्ट

खिला कनेर ----हाइकु
        शशि पाधा

1
दूर विदेस 
ना गाँव ना गालियाँ
खिला कनेर |
2
किसने बाँधी
हवा की चुनरी में
मौलश्री गंध |
3
सूरज डूबा
भोर खोले किवाड़
 अपने देस |
4.
बंद हथेली
रात भर छिपाया
पूनो का चाँद |
5
चन्दा कलश
छलकाए चाँदनी
धरा सरस |
6
जुगनू जलें
अंधेरी अमावस
सपने पलें |
7
यादों की ओस
मन की हरी दूब
छुए, सिहरे |

 शशि पाधा




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